
इस साल भारत में आए IPO ने दुनिया में सबसे अच्छा रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीने में आए 36 IPO ने अपनी लिस्टिंग से लेकर अब तक औसतन 57% रिटर्न दिया है।
इसके मुकाबले, एशिया प्रशांत क्षेत्र के IPO ने 32% रिटर्न दिया। यह वैश्विक औसत से दोगुना है। अगले 6 महीनों में 15 और IPO आ सकते हैं, जिनसे कंपनियां करीब 91 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती हैं।
प्राइम डेटाबेस ग्रुप के अनुसार, अब तक आए 36 IPO ने लगभग 88.5 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं। ये IPO औसतन 12 गुना ओवर सब्सक्राइब हुए। प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के अनुसार, यह ट्रेंड जारी रहेगा और अगर कोई निवेशक आवंटन पाने में सक्षम है, तो जल्दी पैसा कमा सकता है।
पहली छमाही में IPO हैंडल करने के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकों को 2,038 करोड़ रुपये की फीस मिली है, जो 17 साल में सबसे ज्यादा है। फाइनेंशियल मार्केट्स डेटा प्रोवाइडर LSEG के अनुसार, इक्विटी कैपिटल मार्केट (ECM) एक्टिविटी के जरिये जुटाई गई पूंजी 2.5 गुना बढ़कर 2.46 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) कहते हैं। कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनी बाजार से कर्ज लेने की बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी प्रक्रिया को IPO लाना कहते हैं।