
सोलर और अन्य पंप बनाने वाली कंपनी ओसवाल पंप्स लिमिटेड आईपीओ लाने की योजना बना रही है। कंपनी पब्लिक इश्यू के जरिए 2000 करोड़ रुपये जुटा सकती है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। एक सूत्र ने बताया, "कंपनी अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस को तैयार करने के लिए इनवेस्टमेंट बैंकों जेएम फाइनेंशियल, आईआईएफएल, एक्सिस कैपिटल, सीएलएसए और नुवामा के साथ काम कर रही है और अगले कुछ महीनों में ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल होने की उम्मीद है।"
सूत्र ने आगे बताया, "आईपीओ में प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर बिक्री शामिल होगी। कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी, वर्किंग कैपिटल रिक्वायरमेंट्स और अन्य उद्देश्यों के लिए कैपिटल का इस्तेमाल करेगी।" हालांकि, ओसवाल पंप्स ने इस संबंध में भेजे गए ईमेल का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
कंपनी की स्थापना 2003 में पदम सैन गुप्ता और उनके बेटों राजीव गुप्ता और विवेक गुप्ता ने की थी। ओसवाल पंप सबमर्सिबल पंप, मोनोब्लॉक पंप, इलेक्ट्रिक मोटर और सोलर पंप बनाती है जो बिल्डिंग सर्विसेज, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स की जरूरतों को पूरा करते हैं।
सोलर पंप फोटोवोल्टिक पैनल या सूरज की रोशनी से मिलने वाली ऊर्जा से चलते हैं, ना कि ग्रिड बिजली या डीजल के इस्तेमाल से। कंपनी की सालाना स्थापित क्षमता 300,000 पंप और 100,000 इलेक्ट्रिक मोटर है। इसका प्लांट हरियाणा के करनाल में स्थित है।
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार ओसवाल पंप्स ने 31 दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीने की अवधि में 495.24 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। FY23 में कंपनी की टॉपलाइन 392.18 करोड़ रुपये रही। 31 दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीने की अवधि में ओसवाल पंप्स ने 70.35 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया, जो FY23 में 37.34 करोड़ रुपये की अर्निंग से लगभग दोगुना है।
केयर रेटिंग्स के अनुसार कंपनी के ग्रोथ आउटलुक को सरकार द्वारा सोलर पंपों पर जोर दिए जाने से समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि ग्रिड पंपों के स्थान पर सोलर पंप लगाने की सरकार की नीति के कारण कंपनी के बिजनेस रिस्क प्रोफाइल में सुधार होने की उम्मीद है, जिसके चलते सोलर पंपों की मांग बढ़ेगी।