ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के साइज को बढ़ाने का फैसला किया है। कंपनी अब नए शेयरों की बिक्री से 5,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है, जो पहले 3,750 करोड़ रुपए थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नया प्लान पिछले अनुमान से 1,250 करोड़ रुपए (लगभग 150 मिलियन डॉलर) अधिक है। इससे यह संकेत मिलता है कि स्विगी तेजी से बढ़ते बाजार और प्रतिस्पर्धा में खुद को और मजबूत करना चाहती है। पहले कंपनी ने IPO से करीब 1.25 बिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें 3,750 करोड़ रुपए नए शेयरों की बिक्री से और 6,664 करोड़ रुपए ऑफर-फॉर-सेल (OFS) से जुटाने का प्रस्ताव था।
अब अगर बोर्ड 3 अक्टूबर को होने वाली अपनी एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में नए प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो IPO का कुल साइज 1.4 बिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा। स्विगी की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। स्विगी की यह योजना जोमैटो और ब्लिंकिट को कड़ी टक्कर देने के उद्देश्य से है। जब अप्रैल में स्विगी ने ड्राफ्ट IPO पेपर्स दाखिल किए थे, तब से अब तक जोमैटो और ब्लिंकिट ने अपनी प्रॉफिटेबिलिटी में काफी सुधार किया है।
इसके साथ ही जेप्टो जैसी नई कंपनियों ने भी हाल ही में 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है। वहीं, वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट मिनट्स के जरिए क्विक कॉमर्स सेगमेंट में कदम रखकर मुकाबले को और तेज कर दिया है। स्विगी का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपए था। साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को 44% तक कम कर लिया है। वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 4,179 करोड़ रुपए था।
हालांकि, स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो से कमजोर रहा है, लेकिन उसने वित्त वर्ष 2024 में अपने प्रतिद्वंद्वी से अंतर को कम किया है। जोमैटो ने इस दौरान 12,114 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि स्विगी का रेवेन्यू 11,247 करोड़ रुपए रहा। वहीं, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए था।